🎯आज की भक्ति👉*
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*अधरं मधुरं वदनं मधुरं*
*नयनं मधुरं हसितं मधुरं।*
*हृदयं मधुरं गमनं मधुरं*
*मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।*
*वसुदेवसुतं देवं*
*कंसचाणूरमर्दनम्।*
*देवकी परमानन्दं*
*कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्।।*
*भावार्थ👉*
_श्री मधुरापधिपति का सब कुछ मधुर है। उनके अधर मधुर हैं। मुख मधुर है, नेत्र मधुर हैं, हास्य मधुर है और गति भी अति मधुर है। ऐसे ही कंस और चाणूर का वध करने वाले देवकी के आनंदवर्धन, वासुदेवनन्दन जगद्गुरु श्रीकृष्ण भगवान की मैं वन्दना करता हूं।_
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